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'कृतान्तागार' में आपका स्वागत हैं ।⇝ WELCOME TO KṚTĀNTĀGĀRA.... ( Vinishchay Point ) आपको यहाँ मिलेगी पू. श्रमण अनगाराचार्य श्री जी के कार्यक्रमों की जानकारी, संघस्थ सभी साधुओं का परिचय , जिनागम के सभी ग्रन्थ एवं उनसे सम्बन्धित ऑडियोज् और वीडियोज्
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पंचकल्याणक महोत्सव जैन कॉलोनी टीकमगढ़(9-14.02.2020)
ऐतिहासिक पञ्चकल्याण के पाँच दिन
पाषाण से भगवान बनाने की मन्त्रात्मक प्रक्रिया को सम्पन्न करवाने के लिए गणाचार्य विरागसागर जी महाराज के परम
प्रभावक शिष्य वाक्केसरी श्रमण अनगाराचार्य श्री विनिश्चयसागर जी गुरुदेव ससंघ का मंगल प्रवेश 06 फरवरी 2020 को
धर्मनगरी टीकमगढ़ की ' जैन कॉलोनी ' में बड़े ही उत्साह और भव्यता के साथ , बालक मण्डल की सम्यक् श्रृद्धा ,
महिला मण्डल का बहुमान और समाज की समन्वयता को दिग्दर्शित करते हुए मंगल प्रवेश हुआ ।
दिनाँक 09 फरवरी को पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का प्रारम्भ ध्वजारोहण के साथ हुआ । घटयात्रा , मण्डप शुद्धि , वेदिका शुद्धि ,
इन्द्र प्रतिष्ठा , संकलीकरण , नांदि विधान के साथ वेदी पर प्रतिमा जी विराजमान हुई । सायंकालीन बेला में आरती , शास्त्र
प्रवचन ,सुधर्मसभा और गर्भकल्याणक की अन्तरङ्ग क्रियाओं को पूर्ण शुद्धि और विशुद्धता के साथ सम्पन्न हुई ।
10 फरवरी 2020 को प्रातः अभिषेक , शांतिधारा , नित्यमह पूजन , यागमण्डल विधान , श्रमण अनगाराचार्य श्री की मंगल
देशना तदुपरान्त दोपहर को माता की गोद भराई , स्वप्न दर्शन , स्वप्नफल , शास्त्र प्रवचन , महाराजा नाभिराय का दरवार आदि
प्रक्रियाएँ हुई ।
दिनाँक 11 फरवरी 2020 को भगवान का जन्म हुआ | सम्पूर्ण वातावरण में हर्षोल्लास उत्पन्न रहा । चारों तरफ बधाईयाँ
जन्माभिषेक जुलूस के साथ पाण्डुक शिला पर अभिषेक , पालना , सायंकालीन बेला में बालक्रीडा़ जिसमें बच्चों को
संस्कार मयी शिक्षा प्रदान की गई ।
दिनाई 12 फरवरी 2020 को तपकल्याणक मनाया गया । जिसमें प्रातः अभिषेक , शांतिधारा , नित्यमह पूजन , श्रमण
अनगाराचार्य श्री की मंगला दिव्य देशना , दोपहर को आंतरिक क्रियाएँ , मन्त्र जाप , राज दरवार , मुकुटबद्ध राजाओं द्वारा भेंट
षट्कर्म शिक्षा , नीलांजना नृत्य से संसार की असारता का भान करते हुए भरत , बाहुबली को राज्यपाठ देकर सन्यास ग्रहण
करना । सायंकाल वेला में आरती , शास्त्र प्रवचन , नृत्यनाटिका , समन्वय में सम्प्रभूता , सम्पन्नता का सन्देश दिया गया ।
13 फरवरी 2020 की ज्ञानकल्याणक के अन्तर्गत नित्य क्रिया , श्रमण अनगाराचार्य श्री की दिव्य देशना भगवान की
आहारचर्या क्षुल्लक जी द्वारा सम्पन्न कराई गई । अभ्यागत अथितियों का स्वागत किया गया । आन्तरिक क्रियाओं के साथ
पाषाण प्रतिमा में सूरि मन्त्र देकर ईश्वरत्व की स्थापना दोपहर समवशरण में दिव्यध्वनि के माध्यम से सम्पूर्ण जीवों को
धर्मदेशना के स्वरुप की व्याख्या की । सायंकालीन वेला में आहार जी के बच्चों द्वारा ' कमथ का उपसर्ग ' नाटिका के माध्यम से
दस भवों का सुन्दर चित्रण से वैर विमुक्ति की प्रेरणा दी ।
दिनांक 14 फरवरी 2020 को मोक्ष कल्याणक के अन्तर्गत श्रमण अनगाराचार्य श्री की दिव्य देशना के साथ ही ' नमः सिद्धेभ्यः
' कहते ही शरीरातीत दिव्य आत्मा का सिद्ध शिला में पदार्पण ।
दोपहर को भव्य शोभा यात्रा । जिसमें श्रमण संस्कृति की गौरव गाथा रुप पताका फहरा रही थी । सम्पूर्ण आयोजन सफल से सफलतम रहा । इस अवसर पर श्रमण अनगाराचार्य श्री का मङ्गल आशीष सभी को प्राप्त हुआ । श्री जी की शान्तिधारा के
साथ कार्य की सम्पन्नता हुई ।
न्यूज प्रेषक डाँ.निर्मलशास्त्री
प्रस्तुति
रोहन जैन
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