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मंत्रात्मक पंचकल्याणक नवागढ़ (21-26.02.2020) Vinishchay Point



प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में 21 फरवरी से 26 फरवरी 2020 तक परम पूज्य श्रमण अनगाराचार्य श्री विनिश्चयसागर जी  गुरुदेव ससंघ सान्निध्य में मन्त्रात्मक पञ्चकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव , वार्षिक मेला एवं महामस्तकाभिषेक समारोह सानन्द सम्पन्न हुआ।
         सम्पूर्ण कार्यक्रम ब्र० जयकुमार 'निशांत' भैयाजी के निर्देशन में ब्र० नितिन भैया इन्दौर, पं० विनोद जी रजवांस
  पं० मनोज जी शास्त्री अहार के प्रतिष्ठाचार्य एवं डाँ. श्रेयांस जैन बडौ़त ने नवोदित विद्वानों को शिक्षण प्रशिक्षण प्रतिदिन दिया ।  योगाचार्य नवीन जैन वरेली के द्वारा प्रतिदिन प्रातः कालीन वेला में योग का प्रशिक्षण दिया गया।
  -21 फरवरी 2020 को प्रातः काल मूलनायक भगवान का अभिषेक , शान्तिधारा , देवाज्ञा , गुरुआज्ञा एवं ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम  प्रारम्भ हुआ । दोपहर का घटयात्रा , मण्डपशुद्धि , नान्दी विधान , यागमण्डल विधान परम पूज्य श्रमण अनगाराचार्य श्री के प्रवचन  एवं रात्रि को आरती, शास्त्र प्रवचन हुआ । इसके बाद गर्भ कल्याण की आन्तरिक क्रियाएँ सम्पन्न हुई ।
  22 फरवरी 2020 को प्रातः काल अभिषेक, शान्तिधारा, पूजन, गर्भ कल्याणक पूजन, हवन परम पूज्य श्रमण अनगाराचार्य श्री के मंगल  प्रवचन, दोपहर को जगत जननी माता मरुदेवी की गोद भराई के बाद प० पू० श्रमण अनगाराचार्य श्री के मंगल प्रवचन हुए ।  इसी अवसर पर आ० निर्भयसागर जी ( 7 पिच्छी ) ससंघ का अगमन हुआ । इस ' मधुर मिलन ' ने उत्सव को महोत्सव बना दिया ।  रात्रि को आरती एवं शास्त्र प्रवचन हुए ।
  23 फरवरी 2020 को प्रातः काल जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक, शान्तिधारा, पूजन, हवन और 8:45 पर तीर्थङ्कर बालक का जन्म हुआ। पाण्डुकशिला  पर जन्माभिषेक के बाद जन्मल्याणक की पूजन सम्पन्न हुई । दोपहर में दीक्षाकल्याणक की सम्पूर्ण क्रियाएँ मन्त्रात्मक विधि के साथ सम्पन्न हुआ। रात्रि को आरती, शास्त्र प्रवचन हुआ।
      24 फरवरी 2020 प्रातः काल भगवान का अभिषेक, शान्तिधारा, पूजन, हवन प० पू० श्रमण अनगाराचार्य श्री मंगल प्रवचन के  बाद महामुनिराज की आहारचर्या पूज्य क्षु० जी द्वारा सम्पन्न कराई गई। दोपहर के सत्र में केवलज्ञान की आन्तरिक क्रियाएँ एवं   समवशरण की रचना हुई जिसमें गणधर रुप विराजे श्रमण अनगाराचार्य श्री के मंगल प्रवचन हुए। रात्रि में आरती एवं शास्त्र प्रवचन   हुऐ ।
  25 फरवरी 2020 प्रातः काल अभिषेक, शान्तिधारा, पूजन भगवान को कैलाश पर्वत से मोक्ष की प्राप्ति हुई। अग्नि कुमार के देवों   द्वारा नख एवं केशों का विसर्जन अन्त में प० पू० श्रमण अनगाराचार्य श्री के मङ्गल प्रवचन हुऐ। दोपहर में श्रमण अनगाराचार्य श्री के   ससंघ सान्निध्य में चन्देल कालीन बावड़ी एवं मन्दिर अवशेष का अवलोकन किया गया। मन्दिर के अवशेष में अलमसार की विशालता,   मन्दिर की विशालता को दिखाती है। 80 फुट ऊँचें तेंदु के वृक्षों की जड़ में विशाल शिला खण्डों का दबना,नजदीक में बावडी़ का   होना पुरातन को दर्शाता है।
    प० पू० श्रमण अनगाराचार्य श्री के आशीर्वाद से चन्देल बावडी़ के जीर्णोद्धार का शुभारम्भ किया गया। बावडी़ का स्वरुप भी  विलक्षण है।  40 फुट चौडा़ई की विशाल ईंटों का पाषाण खण्डों से निर्मित बावडी़ में दोनों ओर पाषाण की सीढि़याँ बुन्देली शिल्प का दिग्दर्शन कराती है। कहावत है-
        नौ सौ कुआँ नवासी वेर।   ऊमरगढ़ के गेरऊ गेर।।
  26 फरवरी 2020 को प्रातः काल अभिषेक, शान्तिधारा, 18 मण्डलीय अरहनाथ विधान एवं विश्वशान्ति महायज्ञ, प० पू० श्रमण  अनगाराचार्य श्री के मङ्गल प्रवचन के बाद मूलनायक अरहनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक एवं वार्षिक मेला सम्पन्न हुआ।
     पञ्चकल्याणक के पावन अवसर पर अनेक विद्वान उपस्थित हुऐ।
       ब्र. राजेश भैया जी   पं. सुरेन्द्र कुमार जी बडा़गांव,   पं. मनीष ( संजू ) टीकमगढ़,  पं. कमलशास्त्रि जी सम्मेदशिखर जी, पं. ऋषभकुमार जी बडा़गांव,   पं. दिनेश दिवाकर बडा़गांव, पं. जयकुमार जी बडा़गांव,   पं. सुनील 'सञ्चय' जी ललितपुर,   पं. अजितकुमार जी बडा़गांव,   पं. शोभालाल जी ककरवाहा,   पं. संतोष जी शाहगढ़,   पं. अशोक जी बम्होरी, पं. राकेश कुमार जी वैसा, पं. मंयक शास्त्री टीकमगढ़, पं. अखिलेश जी रमगढ़ा ,   पं. निर्मल जी टीकमगढ़,  पं. सुनील जी टीकमगढ़,  पं. अजयकान्त जी घुवारा,  पं. कैलाश जी मेनवार,  पं. विजय जी शाहगढ़।
           न्यूज प्रेषक                                          प्रस्तुति
      ब्र. जयकुमार 'निशान्त'                              रोहन जैन
      पं. मनोज जी अहार
























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