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दरगुवाँ पंचकल्याणक (7-12.3.20) Vinishchay Point


Vinishchay Point
जैन दर्शन में श्रद्धा को सर्वोत्कृष्ट बनाने के लिए धातु पाषाण स्वर्ण, रजत आदि उत्कृष्ट धातुओं से तीर्थंकर की प्रतिकृति बनाकर आराधना की जाती है। मंत्रो की अनुष्ठानात्मक प्रक्रिया से जो प्रतिष्ठा की जाती है वह सर्वश्रेष्ठ होती है उसी क्रम में 7 मार्च से  12 मार्च तक आयोजित श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा प्रारंभ  हुई जिसमें घट यात्रा, ध्वजारोहण ,मंडप उदघाटन ,वेदी शुद्धि के साथ बेदी पर श्री जी विराजमान हुए| इंद्र प्रतिष्ठा मंडल प्रतिष्ठा के साथ अभिषेक, शांतिधारा नित्यमह पूजन, तत्पश्चात्  श्रमण अनगाराचार्य श्री विनिश्चयसागर जी महाराज की मंगल देशना हुई| दोपहर में नांदी विधान,यागमंडल विधान।सायंकालीन बेला में आरती ,शास्त्र प्रवचन ,माता द्वारा सोलह स्वप्न देखे गये| अर्धरात्रि में गर्भकल्याणक की आंतरिक क्रियाएँ सम्पन्न हुई|  गर्भकल्याणक के उत्तररूप के दिन अभिषेक शांति धारा नित्य पूजन भक्तामर विधान गर्भ कल्याणक की पूजन श्रमण अनगाराचार्य श्री विनिश्चय सागर जी महाराज की मंगल देशना दोपहर में सीमांतनी क्रिया (माता की गोदभराई ]क्षेत्रीय महिला मंडल द्वारा सम्पन्न हुई| स्वारथ का संसार नाटिका का मंचन किया गया तत्पश्चात् श्रमण अनगाराचार्य श्री की मंगल देशना हुई | सायंकाल महाआरती शास्त्र स्वाध्याय महाराजा नाभिराज का दरवार स्वप्नों का फल ,सेठ सुदर्शन नाटिका का भव्य मंचन| 
दिनांक 9 मार्च को अभिषेक शांति धारा नित्य मह पूजन भगवान का जन्म  सौधर्म सभा, का दृश्य महाराजा नाभिराय, का दरबार, सौधर्म इंद्र द्वारा तांडव नृत्य। श्रमण अनगाराचार्य श्री की मंगल देशना  तत्पश्चात जन्माभिषेक जुलूस पांडुकशिला पर 1008 कलशो  से तीर्थंकर बालक  जन्माभिषेक| सायंकालीन बेला मे महाआरती प्रवचन पालना झुलाई, बाल क्रीड़ा, सूरदास की अध्यात्म ज्योति नाटिका की भव्य प्रस्तुति की गई| 
दिनांक 10 मार्च को प्रातः अभिषेक शांति धारा नित्य पूजन, जन्म कल्याणक की पूजन। चित्र अनावरण पाद, प्रक्षालन जिनवाणी भेंट एवं श्रमण अनगाराचार्य श्री की मंगल देशना हुई |दोपहर में राजकुमार आदि कुमार की बारात शादी का अनुपम दृश्य राज्य अभिषेक मुकुट बद्ध राजाओं द्वारा भेंट असी, मसी, कृषि, शिल्प, वाणिज्य आदि की शिक्षा ब्राह्मी, सुंदरी को अंक एवं शब्द विद्या का ज्ञान, नीलांजना नृत्य। संसार की, असारता को समझकर बैराग्य, का मनोहारी दृश्य ब्रह्मर्षि लोकांतिक देवों  द्वारा वैराग्य  की, अनुमोदना की गयी। श्रमण अनगाराचार्य श्री के पाद प्रक्षालन जिनवाणी भेंट आत्म रहस्य ग्रंथ का विमोचन एवं श्रमण अनगाराचार्य श्री की, मंगल देशना, तत्पश्चात दरगुवां स्थित सरोवर पर वट वृक्ष के नीचे आदि कुमार की दीक्षा का नयन मनहारी कार्य संपन्न हुआ सायं कालीन बेला में, महाआरती शास्त्र, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम।सत्येंद्र शर्मा द्वारा भव्य नाटिका का मंचन। 
दिनांक 11 मार्च को प्रातः अभिषेक शांति धारा नित्य पूजन, दीक्षा कल्याण, की पूजन आदि कुमार महामुनिराज की आहार चर्या | दोपहर में आंतरिक क्रियाएँ संपन्न हुई उसी समय प्रभावना जनकल्याण परिषद् के तत्वावधान में क्षेत्रीय संस्थाओं का महाधिवेशन हुआ , जिसमें सम्पूर्ण क्षेत्रीय समाज की उपस्थिति रही|समोशरण की रचना दिव्य ध्वनि के माध्यम से श्रमण अनगाराचार्य श्री की मंगल देशना हुई |सायंकालीन बेला मे महाआरती शास्त्र स्वाध्याय। नाटिका की भव्य प्रस्तुति।
दिनांक 12 मार्च को प्रातः अभिषेक शांति धारा नित्य पूजन भगवान का, मोक्षगमन, मोक्ष कल्याण की पूजन, श्रमण अनगाराचार्य श्री, की मंगल देशना दोपहर को त्रय गजरथ द्वारा भव्य फेरी  तत्पश्चात श्रमण अनगाराचार्य श्री द्वारा विश्व के, समस्त जीवों के लिए मंगल देशना के साथ आशीर्वाद प्रदान किया गया। यह कार्य निर्विघ्न  और ऐतिहासिक रूप से बड़े ही आनंद के साथ सम्पन्न हुआ।
न्यूज प्रेषक                    प्रस्तुति
डॉ निर्मल शास्त्री         रोहन जैन
टीकमगढ़

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                   जन्म कल्याणक







































                             ज्ञान कल्याणक






























टिप्पणियाँ

  1. दरगुवाँ श्रमणोदय तीर्थ
    जिला टीकमगढ़ म.प्र. एक सफल पंचकल्याणक महोत्सव
    आप सभी को साधू्वाद
    आपका
    संदीप जैन " शिवपुरी" बडागाँव
    महामंत्री
    Aaशा संगठना म.प्र.

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